- आलोक वर्मा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अज्ञात बीमारी से बच्चों के मरने से कोहराम मचा हुआ है। अब तक अकेले सहारनपुर जिले में इस बीमारी के चलते 170 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा पड़ोसी जिलों मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ और उत्तरांचल के हरिद्वार में भी बीमारी ने कहर ढाया है। जैसा कि होता है, पहले प्रशासन चुप्पी साधे रहा और जब मीडिया में मामले ने जोर पकड़ा तो अधिकारी भी जागे। लेकिन तब तक मरने वाले बच्चों की सूची काफी लंबी हो चुकी थी। यह जरूर है कि दिल्ली और लखनऊ में बैठे आकाओं को संतुष्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के एकाध अफसरों को दंडित कर दिया गया। लखनऊ और दिल्ली से विशेषज्ञों की टीमें आईं और कुछ 'सैंपल' लेकर लौट गयीं। कई दिन बीतने के बाद भी सही बीमारी का पता नहीं चल सका और न ही बचचों की मौत का सिलसिला रोका जा सका है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वैसे तो अधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन कुछ का मानना है कि यह मस्तिष्क शोथ की मारी है तो कुछ इसे मियादी बुखार बता रहे हैं। लेकिन यह अकेला मामला नहीं है जब स्वास्थ्य विभाग रोगों पर काबू नहीं पा सका और देखते...